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पटना में लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों पर सख्ती, कई प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों का वेतन रोका
- Reporter 12
- 21 Dec, 2025
पटना।स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को लेकर पटना में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने जिले के अधिकांश प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही संबंधित स्वास्थ्य प्रबंधक, लेखापाल, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मियों का वेतन और मानदेय भी रोक दिया गया है।
सिविल सर्जन द्वारा की गई इस कार्रवाई की जानकारी जिलाधिकारी और बिहार विधान परिषद के अवर सचिव को भी भेजी गई है। बताया गया है कि बिहार विधान परिषद की ओर से प्रखंड स्तर पर कार्यरत अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मियों के मई 2025 माह के मानदेय से संबंधित विवरण की मांग की गई थी, लेकिन वर्ष समाप्त होने तक भी यह सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।
गंभीर लापरवाही मानते हुए कार्रवाई
सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि समय पर जानकारी उपलब्ध न कराना प्रशासनिक लापरवाही की श्रेणी में आता है। कई बार स्मरण पत्र जारी किए जाने के बावजूद संबंधित पदाधिकारियों द्वारा विवरण नहीं भेजा गया, जिसके चलते यह सख्त निर्णय लिया गया है।
इन प्रखंडों को कार्रवाई से रखा गया बाहर
इस आदेश के दायरे से जिन प्रखंडों और स्वास्थ्य संस्थानों को बाहर रखा गया है, उनमें धनरुआ, बख्तियारपुर, बिहटा, मनेर, मसौढ़ी, अथमलगोला, दानापुर, बाढ़, नौबतपुर, मोकामा, पुनपुन, बिक्रम, दुल्हिनबाजार तथा न्यू गार्डिनर अस्पताल शामिल हैं।
इनके अलावा जिले के शेष सभी प्रखंडों और पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों पर वेतन रोक की कार्रवाई लागू की गई है।
सूचना उपलब्ध कराने के बाद ही वेतन बहाल
सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से जारी पत्र में साफ किया गया है कि मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराए जाने के बाद ही वेतन और मानदेय बहाल करने पर विचार किया जाएगा।स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को प्रशासनिक अनुशासन स्थापित करने की दिशा में कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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